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Thursday, March 4, 2021

ट्रेन कि चेन खिचने कि हार्दिक ईच्छा

 दोस्तों आप लोगों का मैरी कहानियों पर जो प्यार मिल रहा है उससे मुझे और लिखने कि प्रेरणा मिल रही...

2 किस्से तो आपने पड़ लिए थे आज लेकर आया हु फिर से एक और ट्रेन का किस्सा.....

"ट्रेन कि चेन खिचने कि हार्दिक ईच्छा" 😉


बात है 2015 कि मै जबलपुर से खंडवा जा रहा था..

ट्रेन मे खचाखच भीड़ कोई इधर से चिल्ला रहा है तो कोई उधर से बच्चों का रोना और औरतों कि चेचे पेपे लगी हुई है । लेकिन अपने को क्या मै तो मस्तमलंग होकर बाहर के मौसम का मज़ा ले रहा था .. ठंडी ठंडी हवाएं और बारिश ने मौसम का मिजाज हि बदल दिया है।

मिट्टी की सोंधी सोधीं खुशबू को भेल वाले के पता नहीं कब के कटे हुए प्याज कि बदबु खराब कर रही थी.. फिर भी महाशय लगे हुए थे अपनी भेल कि तारीफ मे ...

 लो सेव मिक्चर चना दाल टमाटर प्याज डालके भेल खा लो भैल... शानदार भेल है भेय्या पसंद नहीं आये तो पैसे वापस....

इन सब के बीच मै अब अपनी जगह से उठकर दरवाजे कि और गया मौसम का हाल देखने लेकिन पास वाले  अंकल को बोलकर गया आ रहा हुँ पैशाब करके...

चलो पहले अंकल के बारे मे बता देता हु अकंल दो आंटियो के बीच फसे हुए थे और वो मैरी जगह मतलब सीट के कार्नर मे आने का बोल चुके थे पर मैने आनाकानी कि और अपनी जगह नहीं बदली... और चल पड़ा दरवाजे कि और कुछ दैर बाद जोर जोर से चिल्लाने कि आवाज आयी अरे चेन खिचो चेन मैरा बेग गीर गया निचे..।।

मैने सोचा मौका भी अच्छा है और दस्तुर भी बचपन से ट्रेन कि चेन खिचने कि बड़ी  इच्छा थी और वो उस दिन पुरी हो गयीं मै दोड़कर किसी सुपर हिरो कि तरह गया चेन के पास और खींच दी लेकिन चेन खीचने मै बहुत ताकत लगती है यह पता लग गया 😀 और अब ट्रेन धिरे धिरे रुकने लगी ।

जहाँ से बेग गीरा था उस जगह से ट्रेन करीब 3, 4 किलोमीटर आगे आ चुकी थी फिर पुलिस कि सीटी कि आवाज आयी और मैं जल्दी से दोड़कर अपनी जगह आया .। पुलिसकर्मी हमारी बोगी मे चड़े और चिल्लाने लगे किसने खिंची चेन बेग वाले का तो पता नहीं आवाज तक नहीं आ रही थी उसकी पिछे से लेकिन अब पुलिस वाले धिरे आगे कि और आ रहे थे।।

और मैरे दिल कि धड़कने मिल्खा सींग से भी तेज भाग रही थी। फिर याद आये अकंल ..।

अकंल आ जाइये आप बेठ जाइये यहाँ अकंल भी सोच मे पड़ गए कि इतनी सी दैर मे इसका ह्रदय परीवर्तन कैसे हो गया।

अब अंकल भी इतराते और अकड़ दिखाने लग गए...

नहीं बेठना है मुझे 😏

कुछ हि सेकंड मे अंकल को मनाया और जेसे हि जगह चेंज करी पुलिस वाले आ चुके थे और उन्हें देखते हि मै भी आखे बंद करके सोने का बहाना करन लगा जैसे हि पुलिस वाले आगे निकले अंकल धिरे से बोले आँखें खोल लो पुलिस गई 😂

जैसे उन्हें सबकुछ पता लग चुका था।

फिर मैने कहा निडर होके तो..... पुलिस वालों से मैरा क्या लेना देना 🤔

अंकल : - बेटा जितनी आपकी उम्र नहीं हुई उससे ज्यादा समय से मै ट्रेन मे अपडाउन कर रहा हुँ।

कहो तो बुलाउ पुलिस को (होठो को दबाकर होठों टे कोने से हसते हुए शैतानों वाली हँसी , समज नहीं आया तो आइने मे ट्राय करके देख लो पहले )

मै:- अरे अंकल जी ठीक है ना क्यों इतना सोच रहे सोरी बोल रहा हु ना आपसे जो मैने आपको अपनी जगह देने से मना किया था 🤗

फिर अंकल जी से धिरे धिरे अच्छी बातें होने लगी वो रोज शाम को उसी ट्रेन से आफिस से घर आते थे सरकारी नौकरी मे थे अंकल।

इन सब बातों मे मैरा ध्यान सामने बेठी खुबसूरत बालिका पर तो गया हि नहीं था 😀 मैं उसे देखने लगा फिर अंकल जी ने धिरे से कानो मे फुसफुसाया ...

अंकल:- बेटा क्या देख रहे हो

मैं :- अंकल आप तो इतने सालों से अपडाउन कर रहे हो आपको तो पता हि होगा (टोंट मारते हुए)

अंकल :- देखने से लड़की नहीं पटेगी बात भी तो करो 

मै:- अंकल पटानी किसको है यहाँ तो बस आँखों को सुकून मिल रहा है इसलिए देख रहा हुँ।

अंकल : बेटा सुबह गाजर का रस पियो और हरी घास पर चलो आंखों को इससे ज्यादा सुकून मिलेगा और आँखों कि रोशनी भी बड़ेगी (और अब हम दोनों कानाफूसी करके बातें कर रहे थे और हाँस रहे थे)

सामने वाली लड़की और आसपास वाली आंटिया हम दोनों को देखकर मुह बना रही थी लेकिन हमें क्या हम तो अपनी मस्ती मे मस्त मजे ले रहे थे।

फिर अंकल ने जबरदस्ती मुझे कचोरी खीलाई चाय पिलाई और फिर इटारसी कब आ गया पता हि नहीं लगा हम दोनों ने एक दुसरे को अलविदा कहा और वो उतर गये।

रात हो चुकी थी और मैरा भी स्टेशन आ चुका लोग फर्श पर हि सो रहे थे मुझे उतरना था लेकिन कोई उठने को तैयार नहीं और उपर से तरह तरह के खर्राटो कि आवाजें और बस इन खर्राटो कि आवाज को सुनते सुनते और लोगों के निंद मे गालियाँ सुनते हुए यात्रा पुरी हुई। (वो इस लिए कि उतरते समय किसी के हाथ पर पेर तो किसी के पैर पर पेर रखते रखते बाहर तक आया गाली देने वाले कि शक्ल देख लेता तो गले पर भी पैर रख देता 😂) 

और बस इसी तरह एक और यात्रा बहुत शानदार और यादगार रही कब सफर गुजर गया पता नहीं लगा।

और बचपन से घंटों ट्रेन मे चेन को घुर घुर कर देखते रहना और सोचना कि चेन खिचने के बाद ट्रेन कितनी देर मे रुख जाती है। और इस तरह ट्रेन कि चेन खिंचने कि हार्दिक ईच्छा भी पुरी हो गयी खुश इतना था जैसे कोई बहुत बड़ा तीर मार लिया हो ,😀😀

.............


 पिक्चर अभी बाकी है मैरे दोस्त........।।।

....

कुछ दिनों बाद घर पर मै न्यूज देख रहा था जिसमे बता रहे थे कि जनता एक्सप्रेस और कामायनी एक्सप्रेस का बहुत बुरी टक्कर हो चुकी है। और लगभग हर न्यू चेनल पर यही न्यूज चल रही थी।

यह सुनते हि बस मुझे अंकल जी कि याद आ गयीं यात्रा मे साथ भले हि पलभर का था लेकिन चिंता एसी सता रही थी कि मानो बहुत पुरानी पहचान हो।

बस ईश्वर से हाथ जोड़कर मै उस समय बह यही प्रार्थना कर रहा था कि अंकल स्वस्थ हो और मस्त हो।

हालांकि न्यूज मे थोडी देर बाद पता लगा कि ट्रेन का एक्सीडेंट हरदा के पास हुआ ओर अकंल जी तो इटारसी तक हि यात्रा करते है।

दोस्तो जिवन बहुत खुबसूरत है और छोटा भी सबसे खुश होकर मिल लिया करो बात कर लिया करो ।

हर कोई अपने जिवन कि छोटी मोटी समस्याओं से पिड़ित है ।

हो सकता है आपके सिर्फ हँसकर बात करने से हि उनकी परेशानिया थोड़ी कम लगने लगे।

प्यार बांटते चलो ❤️ 

धन्यवाद

आपका साथी 

लोकेंद्र

 

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