ग्वालियर शहर में घूमने लायक जगह :
लधेड़ी गेट
तानसेन का मक़बरा
सूर्य मंदिर
सरोद घर ( संगीत संघ्रालय )
इटालियन गार्डन
कोटेश्वर महादेव मंदिर ( किले के समीप )
गुजरी महल
ग्वालियर का किला ( किले पर स्थित सभी महल, मंदिर एवं गुरुद्वारा देखने लायक है )
ग्वालियर किले की प्राचीर में स्थित जैन मंदिर
ग्वालियर किले की प्राचीर में स्थित पत्थर की बावड़ी ( फूलबाग की तरफ )
ग्वालियर किले पर होने वाला लाइट & साउंड शो, इसे देखना न भूलें।
सिंधिया पैलेस
मांडरे की माता मंदिर
रानी लक्ष्मी बाई समाधि स्थल, फूलबाग
चिड़ियाघर
शहर से थोड़ा बाहर:
वैष्णो देवी मंदिर & समीप वाली पहाड़ पर स्थित मंदिर ( झाँसी रोड पर स्थित )
शीतला देवी मंदिर, सातउ ग्राम
बरसात के मौसम में जाने लायक जगह :
तिघरा डैम
देवखो
बधावना झरना
सर्दी विशेष:
जनवरी से फरवरी के महीने में ग्वालियर में उत्तर भारत का सबसे बड़ा मेला लगता है जिसमें आपको सुई से लेकर करोड़ तक की गाड़ी मिल जाएगी। इस मेले में 20 से ज्यादा तरह के झूले, मौत का कुआँ, पूरे देशभर से शिल्पकार, और दुनिया जहान के खाने पीने के आइटम मिल जाएंगे। ये इतने बड़े एरिया में लगता है की एक दिन में पूरा देख पाना मुश्किल होता है।
खाने पीने के स्थान:
फूलबाग स्थित चौपाटी, यहाँ आपको एक ही स्थान पर हर तरह का भोजन मिल जाएगा। यहाँ पर सर्दी के मौसम में कॉफी और गर्मी में फालूदा आइस क्रीम टेस्ट करना न भूलें।
चिड़ियाघर के पीछे स्थिति मार्किट में चाप की दुकानों पर चाप ट्राई कर सकते हैं।
बाकि पोहा, बेडइ, समोसा जलेबी आदि के लिए यूँ तो तमाम फेमस दुकानें हैं पर आपको जहाँ भी ये आइटम दिखाई दें आप वहीं पर इन्हें निसंकोच खाएं आपको निराशा नहीं होगी।
नोट: मसाला पेटीज ट्राई करना न भूलें। फूलबाग वाले एरिया में ये सभी दुकान पर अच्छी मिलती है।
ग्वालियर शहर के आसपास घूमने लायक जगह:
नलकेश्वर महादेव मंदिर एवं झरना ( तिघरा डैम के पास )
नरेश्वर मंदिर समूह
ककनमठ मंदिर
शनिश्चरा मंदिर
मितावली
पढ़ावली
बटेश्वर ( १२५ से ज्यादा मंदिर एक ही काम्प्लेक्स में हैं, कुछ हद तक जागेश्वर धाम की तरह लगता है )
ये सभी जगह पास में ही स्थिति हैं।
दंदरौआ धाम - ग्वालियर से 55 किमी दूर ( यहाँ बजरंगबली का बहुत ही फेमस मंदिर जिसे डॉक्टर हनुमान के नाम से भी जानते हैं )
सनकुआ धाम - ग्वालियर से करीब 75 किमी दूर, दंदरौआ धाम से करीब 20 किमी। यहाँ सिंध नदी पर बहुत सारे मंदिर नदी की धार के किनारे पर स्थित हैं। यहाँ ब्रह्मा जी के 4 मानस पुत्रों के मंदिर हैं। ये जगह ओरछा जैसा एहसास करवाती है।
रावतपुर सरकार आश्रम - ग्वालियर से 100 किमी दूर एक बेहद ही अच्छा आश्रम।
तानसेन साधना स्थली, बेहट - ग्वालियर से 45 किमी दूर, यहाँ एक आश्रम है जिसमें वो मंदिर हैं जहाँ बैठकर तानसेन साधना करते थे। पास ही मैं एक ओपन स्टेडियम भी है जहाँ संगीत महोत्सव होता है तब दुनिया भर के कलाकार यहाँ आते हैं।
रतनगढ़ की माता मंदिर - ग्वालियर से 65 किमी दूर।
दतिया का किला - ग्वालियर झाँसी हाईवे पर दतिया में प्रवेश मार्ग पर ही स्थित है।
सोनागिरि जैन मंदिर - ग्वालियर से 70 किमी दूर, सोनागिर जैनियों का प्रशिद्ध तीर्थ स्थल है।
पीतांबरा माई मंदिर, दतिया - धार्मिक पीताम्बरा पीठ दतिया शहर मे स्थित देश का एक प्रशिद्ध शक्तिपीठ है।
उनाव बालाजी सूर्य मंदिर - यह दतिया से 17 किमी दूर स्थित है, यह एक बहुत पुराना मंदिर है तथा ऐसा माना जाता है की यह प्री-हिस्टोरिक समय का है ! यहाँ बहुत दूर से श्रध्द्धालु आते है ! ऐसा माना जाता है कि यहाँ स्थित तालाब में नहाने से बीमारियाँ दूर हो जाती है ! इसे बालाजी धाम भी कहते है।
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