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Sunday, December 25, 2022

Infantry Museum Mhow

नमस्कार दोस्तों आज आपको ले चलता हुं एक विश्व स्तरीय 'इन्फैंट्री रिसर्च सेंटर एंड म्यूजियम' में
इन्फैंट्री संग्रहालय इन्फैंट्री स्कूल के दक्षिणी भाग में  रेलवे स्टेशन से लगभग 2.5 किलोमीटर दूर महू में स्थित है।
इस संग्रहालय ने भारतीय सेना के पिछले इतिहास और गौरव को बहुत अच्छी तरह से प्रस्तुत किया है और उत्कृष्ट तरीके से क्रियान्वित किया है।  अभी भी म्यूजियम अंदर से निर्माणाधीन है जहां इस पर कई अपडेट हो रहे हैं।
इस जगह आपको भारतीय सेना की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं के बारे में गहन अंतर्दृष्टि, बहादुरी और बहादुर सैनिकों की कहानी, जिन्होंने उच्चतम परंपराओं में लड़ाई लड़ी और भारत के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
यह जीवित अवधारणा पर आधारित देश का सबसे अच्छा सैन्य संग्रहालय है जिसमें अत्याधुनिक 3डी प्रिंटिंग तकनीक का भी उपयोग किया गया है जो पर्यावरण के अनुकूल है। बाहर  बगीचे के परिसर में 30 से अधिक प्रकार के मौसमी पौधे हैं जो एक शानदार और सुखदायक अनुभव देते हैं।
इसको बनाने का विचार 2003 में तत्कालीन सीओएएस, जनरल एनसी विज द्वारा प्रस्तुत किया गया था और 2003 में 27वें आईसीसी द्वारा पूरे दिल से इसका समर्थन किया गया था। 
इसका उद्घाटन 16 साल बाद 27 नवंबर 2019 को 35वें आईसीसी के दौरान स्व. श्री जनरल बिपिन रावत द्वारा किया गया था।  यह इन्फैंट्री रिसर्च सेंटर और संग्रहालय 1747 के बाद से आधुनिक भारतीय इन्फैंट्री के विकास को प्रदर्शित करता है और विशेष रूप से 15 अगस्त 1947 के बाद भारतीय इन्फैंट्री के बारे में सभी डेटा का भंडार भी है। 
 COVID-19 महामारी के प्रकोप के बाद से यह सुविधा आगंतुकों के लिए बंद थी लेकिन 16 दिसम्बर 2022 से आम जनता के लिए यह खुल चुका है। 
समय सुबह 11 से शाम 5.30 
मंगलवार से रविवार
टिकट: 50 रुपए
आप online टिकट www.infantrymuseummhow.com
धन्यवाद 🙏

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Saturday, July 23, 2022

Mhow to Omkareshwar Train - Special train for Shrawan month

09569 Dr Ambedkar Nagar Mhow  (DADN) - Omkareshwar (OM) Passenger 

Daily special train during the month of Shravan. 

Leaves Mhow (DADN) at 0915, reaches Omkareshwar (OM) at 1135.

Train 09570  leaves Omkareshwar (OM) at 1755 and reaches  Mhow (DADN) at 2015 hours.
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Friday, July 22, 2022

Places to visit nearby Indore

इंदौर में प्राकृतिक स्थल,वाटर फॉल ओर ओर पिकनिक स्पॉट की बहुतायत है ओर ये लगभग 40 से 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो निम्न है:
1 पातालपानी का झरना
2 कालाकुंड घाटी
3 अम्बाझार
4 जूनापानी
5 रालामंडल
6 देव गुराड़िया
7 जोगीया भड़क
8 काली किराय
9 जानापाव
10 चिड़िया भड़क
11 गिडिया खोह
12 गुलावत
13 तिंछा फॉल
14 मोहाड़ी फॉल
15 मेहंदी कुंड
16 बामनिया कुंड
17 चोरल डैम
18 जाम गेट
19 केवडेश्वर,उज्जैनी
20 ओखलेश्वर
21 सिद्धवरकूट
22 जयंती माता बड़ी
23 काटकूट
24 जयंती माता छोटी
25 च्यवन ऋषि आश्रम
26 कश्यप मुनि आश्रम

इनके भी क्या कहने
1 ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग
2 महेश्वर
3 मण्डलेश्वर
4 मांडव
5 उज्जैन
6 देवास
ये सभी 70 से 100 किलोमीटर की रेंज में है।

 इसके अलावा इंदौर में :
1 राजवाड़ा
2 मल्हारी मार्तण्ड मंदिर
3 हरसिद्धि
4 लाल बाग
5 पुरातत्व संग्रहालय
6 चिड़ियाघर
7 छत्रीबाग साई मन्दिर
8 खजराना गणेश मंदिर
9 कांच मंदिर
10 बिजासन माता टेकरी
11 पित्र पर्वत
12 हींकार गिरी और गोम्मट गिरी आदि प्रमुख स्थल है।

अब इंदौर में खाने के लिए कुछ खास .....
लाल बाल्टी की "कचोरी",
विजय चाट का "पेटिस",
सराफा कॉर्नर के "समौसे",
बड़े सराफे की "स्पेशल चाय",
नागोरी की "शिकंजी",
जेन साब का "भुट्टे का किस",
मथुरा वाले की "मावा बांटी" ,
मेघदूत की "भेल",
लालाजी के "भजिये",
छावनी की "दूध जलेबी",
कोर्ट वाली गली की "छोले-टिकिया" ,
गीता भवन के "रसगुल्ले",
कोठारी मार्केट की "भुट्टे की कचोरी",
मल्हारगंज की "भेल",
जेल रोड की "पंजाबी लस्सी",
नेमाजी की "कुल्फी",
जोशी का "दहीबड़ा",
 सराफा में रामा का "सेंडविच",
शीतल की "गजक",
जानी का "हॉट-डॉग",
 चिमनबाग के "कड़ी फाफडे" ,
 सुरेश के हींग के "आलूबडे" , 
 उ डी पी का "मसाला डोसा" , 
छप्पन मधुरम की "रबड़ी" , 
  मरोठीया के "सिके पेड़े"  ,
   सराफा थाने का जैन "फालूदा" , 
   गैलडा वालो की "जलेबी",
   कर्णावद का "भोजन",
   राजहंस के "दाल बाफले",
   पृथ्वीलोक की "थाली",
   ओर गुरुकृपा का "खाना"....
56 दुकान,सराफा,कोर्ट वाली गली , विजय नगर चौपाटी,कनाड़िया रोड यहां खाना खाना ओर सिर्फ खाना...
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Wednesday, April 27, 2022

भयंकर गर्मी में ग्वालियर कि यात्रा

ग्वालियर कि भयंकर गर्मी में यात्रा......
राजा मानसिंह तोमर युनिवर्सिटी ग्वालियर में दीक्षांत समारोह में सम्मिलित होने का निमंत्रण था।
 तो सोचा चलो परिवार के साथ ही प्लान कर लूं कार्यक्रम भी देख लेंगे और परिवार के साथ ग्वालियर भी घुम लेंगे, ग्वालियर जाने से पहले ही लोकेन्द्र शर्मा अंकल जी जो कि मैरे अच्छे घुमक्कड़ मित्र से बात हो गई थी अंकल जी बड़े जोश के साथ निमंत्रण दिया था और कहा सीधे घर आ जाना लेकिन फिर भी हमने होटल ले लिया था।
सुबह सुबह होटल में चेक इन करके तैयार होकर बढ़े जोश के साथ ग्वालियर का किला घुम्ने निकले किला तो बहुत ही खुबसूरत था लेकिन गर्मी ने हालत खराब कर दी। चिलचिलाती धुप और पसीना कम होने का नाम हि नहीं ले रहे थे। जैसे तैसे दोपहर तक किला घुमा और सीधे होटल आकर बाकी समय ऐसी चलाया और आराम किया शाम तक तो ऐसा लगने लगा कि कहीं हिल स्टेशन पर आ गये है। 
शाम को मौसम ठंडा हुआ तो आसपास मंदिर और बाजार के लिए निकल गये और इसी के साथ एक दिन खत्म हो गया।
दुसरे दिन सुबह से अंकल जी के घर उनसे मिलने चले गए। 
 अंकलजी एवं आंटीजी से मिलकर और उनकी  मेहमान नवाजी से दिल खुश हो गया और ग्वालियर यात्रा यादगार हो गई।
आंटी जी के हाथ का स्वादिष्ट नाश्ता खाकर मज़ा आ गया फिर वहां से फिर रवाना हुए जीवाजी यूनिवर्सिटी के लिए जहां पर दिक्षांत समारोह के लिए हमें जाना था।
और वो पल आ गया जिसकी हमेशा से इच्छा थी कुलपति के हाथो अपनी डिग्री और मेडल लेना जीवन में शायद पहली बार मैंने इतनी पढ़ाई करी थी जिसकी वजह से युनिवर्सिटी में मेरीट लिस्ट मे दुसरे स्थान पर में आया। 
शाम को 7 बजे कार्यक्रम खत्म हुआ और 7.50 पर ट्रेन पकड़ी और इंदौर के लिए रवाना हो गए। तो इस तरह ग्वालियर का यह सफर खत्म हुआ बहुत ही अच्छा और यादगार सफर रहा।
(ग्वालियर में दो चिज़ जो मुझे अच्छी नहीं लगी एक तो वहां कि गर्मी और दुसरा गंदगी , जगह जगह कचरे का ढेर और यातायात व्यवस्था।)
धन्यवाद 🙏
Date : 28 April 2022
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Friday, March 25, 2022

सायकल से कालाकुंड कि सैर

हिम्मत ए मर्दा तो मदद ए खुदा 😃
तो बात कर शाम कि है 5 बजे मन हुआ कि कल रंगपंचमी कि छुट्टी है तो सायकल से कालाकुंड चला जाता हु।
तो फिर जल्दी से बेग पेक किया सायकल पर टेंट बांधा और निकल गया लेकिन 6 बजे तक में आधा सफर भी पुरा नही कर पाया और मुझे अहसास हुआ कि मैं निकलने में थोड़ा लेट हो गया हुं। लेकिन फिर भी पेडल मारता गया और 6.40 तक में घने जंगल तक पहुंच गया और अंधेरा भी हो गया सायकल में लाइट भी नहीं।
मैं अब ऐसी कश्मकश में फस गया कि अब करना क्या है वापस घर चला जाऊं या चलते रहुं । कालाकुंड अभी भी वहां से लग भग 8 किलोमीटर था जो कि कच्चे पहाड़ी रास्ते से होता हुआ जाता है। रास्ते में मुझे एक गांव वाले ने 6 बजे हि बोल दिया था कि आगे मत जाओ जंगल है और जानवरों का खतरा भी लेकिन दिमाग में सिर्फ़ कालाकुंड पहुंचने कि जी़द थी।
रास्ता बहुत हि ज्यादा खराब है मैं बस चलता रहा फिर कालाकुंड के लिए एक बाईक सवार था रहा था मैंने उसे रोका वो मुझे बड़े हि अजीब ढंग से देखा और बोला कि सायकल से इतनी रात में कहा जा रहे हो। मैंने पुरी कहानी बताई फिर उसकी बाइक कि रोशनी में सायकल से जैसे तैसे कालाकुंड पहुच गया।
फिर कालाकुंड पहुंचकर जो खुशी हो रही थी उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। घर से खाना ले गया था वहां खुले आसमान के निचे और विंध्याचल वैली के बिच बेठकर खाना खाना आसमान में तारों को देखना ठंडी हवा को महसूस करना और इन बस के बिच मेरी जो सायकलींग में थकान हुई थी वो गायब हो गयी थी।
रात को चैन कि निंद सोया और सुबह जल्दी उठ कर फिर से सायकल से जंगल कि पगडंडियों से होता हुआ आसपास का पुरा कालाकुंड घुमा।
रेलवे स्टेशन पर कालाकुंड का फेमस कलाकंद भी खाया गाव वालों से बातें करी वहां कि चोरल नदी में नहाया और 10.40 पर ट्रेन में अपनी सायकल रख कर पहुंच गया पातालपानी और फिर वहां से सायकल से महु।
तो इस तरह से मेरी यह एकल सायकल यात्रा बहुत हि रोमांचक और यादगार रही।
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https://youtu.be/81uxtWAtENw 

DOP 21/22 March 2022
Place - Kalakund & Patalpani
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Wednesday, January 5, 2022

नागलवाड़ी शिखरधाम

चलो आज ले चलता हुं आपको नागलवाड़ी जो कि मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र सीमा पर एक अत्यंत दर्शनीय और सुंदर स्थान है जो घने जंगल और एक विशाल पहाड़ी पर स्थित है। यह राजपुर तहसील और बढ़वानी जीले में आता है। यह सतपुडा हिल रेंज में स्थित है।  पहाड़ी की चोटी पर एक बहुत प्रसिद्ध भिलत देव (नाग देवता) का मंदिर तीर्थयात्रियों के लिए मुख्य आकर्षण का केन्द्र है। यहां आपको पुरे सालभर अनेक श्रद्धालु मिल जाएंगे लेकिन विशेषतौर पर नागपंचमी पर यहां लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं, 
यहां पर निःशुल्क भोजन प्रसादी भी उपलब्ध है जो सुबह 10 से शाम 6 बजे तक मिलती है जहां आप बड़े से डायनींग हाल में बेठकर भर पेट भोजन कर सकते हैं।
कैसे पहुंचें ? 
 By Train 
निकटतम रेलवे स्टेशन खंडवा जंक्शन है।  यह नंगलवाड़ी से 135 किमी दूर है।  साथ ही, इंदौर जंक्शन नंगलवाड़ी से 151 KM दूर है।
By Bus 
नंगलवाड़ी बड़वानी से 57 किमी दूर है और खरगोन से 45 किमी और जुलवानिया से 16 किमी दूर है।

DOP 2 Jan 2021
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