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Friday, March 25, 2022

सायकल से कालाकुंड कि सैर

हिम्मत ए मर्दा तो मदद ए खुदा 😃
तो बात कर शाम कि है 5 बजे मन हुआ कि कल रंगपंचमी कि छुट्टी है तो सायकल से कालाकुंड चला जाता हु।
तो फिर जल्दी से बेग पेक किया सायकल पर टेंट बांधा और निकल गया लेकिन 6 बजे तक में आधा सफर भी पुरा नही कर पाया और मुझे अहसास हुआ कि मैं निकलने में थोड़ा लेट हो गया हुं। लेकिन फिर भी पेडल मारता गया और 6.40 तक में घने जंगल तक पहुंच गया और अंधेरा भी हो गया सायकल में लाइट भी नहीं।
मैं अब ऐसी कश्मकश में फस गया कि अब करना क्या है वापस घर चला जाऊं या चलते रहुं । कालाकुंड अभी भी वहां से लग भग 8 किलोमीटर था जो कि कच्चे पहाड़ी रास्ते से होता हुआ जाता है। रास्ते में मुझे एक गांव वाले ने 6 बजे हि बोल दिया था कि आगे मत जाओ जंगल है और जानवरों का खतरा भी लेकिन दिमाग में सिर्फ़ कालाकुंड पहुंचने कि जी़द थी।
रास्ता बहुत हि ज्यादा खराब है मैं बस चलता रहा फिर कालाकुंड के लिए एक बाईक सवार था रहा था मैंने उसे रोका वो मुझे बड़े हि अजीब ढंग से देखा और बोला कि सायकल से इतनी रात में कहा जा रहे हो। मैंने पुरी कहानी बताई फिर उसकी बाइक कि रोशनी में सायकल से जैसे तैसे कालाकुंड पहुच गया।
फिर कालाकुंड पहुंचकर जो खुशी हो रही थी उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। घर से खाना ले गया था वहां खुले आसमान के निचे और विंध्याचल वैली के बिच बेठकर खाना खाना आसमान में तारों को देखना ठंडी हवा को महसूस करना और इन बस के बिच मेरी जो सायकलींग में थकान हुई थी वो गायब हो गयी थी।
रात को चैन कि निंद सोया और सुबह जल्दी उठ कर फिर से सायकल से जंगल कि पगडंडियों से होता हुआ आसपास का पुरा कालाकुंड घुमा।
रेलवे स्टेशन पर कालाकुंड का फेमस कलाकंद भी खाया गाव वालों से बातें करी वहां कि चोरल नदी में नहाया और 10.40 पर ट्रेन में अपनी सायकल रख कर पहुंच गया पातालपानी और फिर वहां से सायकल से महु।
तो इस तरह से मेरी यह एकल सायकल यात्रा बहुत हि रोमांचक और यादगार रही।
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https://youtu.be/81uxtWAtENw 

DOP 21/22 March 2022
Place - Kalakund & Patalpani
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