रविवार होने के बावजूद सब कुछ सुना सुना सा था दुर दुर तक कोई नहीं दिखा ये बेशक लाकडाउन का असर है।
लेकिन कालाकुंड कि रौनक जो कि त्यो है प्रकृति इंसानों कि मोहताज नहीं बल्कि इंसानो कि गैर मोजूदगी मे ज्यादा खुश है।
और इस खुशी का साक्षी मै बना मानो से पेड़ पहाड़ नदियां बोल रहे हो तुम तो आ गये लैकिन कृपया करके किसी और को न लाना।
मै हिन्दुस्तान मे काफी अलग अलग जगह पर घुम लिया लेकिन कालाकुंड के लिए मैरा प्यार हमेशा से अलग हि रहा कुछ खास, कुछ तो खास बात है एक अलग अहसास है सुकून है इस जगह मे।
काफी समय बाद यहाँ शनिवार को जाना हुआँ एक रात बिताने के बाद रविवार कि दोपहर मे वापस वहाँ से निकल गया लेकिन निकलते वक्त बिल्कुल मन नहीं हो रहा था वापस आने का, मानो किसी अपने से मै सालों बाद मिला और अब उससे अलविदा लेने का समय आ गया हो।
और बस उसी पल इतनी तेज बारिश शुरू हो गयीं जैसे यह बिछडने का गम हो।
लेकिन बारिश से वहाँ का माहौल और मेरा दिल दोनों खुशनुमा हो गया ❤️
लेकिन कालाकुंड कि रौनक जो कि त्यो है प्रकृति इंसानों कि मोहताज नहीं बल्कि इंसानो कि गैर मोजूदगी मे ज्यादा खुश है।
और इस खुशी का साक्षी मै बना मानो से पेड़ पहाड़ नदियां बोल रहे हो तुम तो आ गये लैकिन कृपया करके किसी और को न लाना।
मै हिन्दुस्तान मे काफी अलग अलग जगह पर घुम लिया लेकिन कालाकुंड के लिए मैरा प्यार हमेशा से अलग हि रहा कुछ खास, कुछ तो खास बात है एक अलग अहसास है सुकून है इस जगह मे।
काफी समय बाद यहाँ शनिवार को जाना हुआँ एक रात बिताने के बाद रविवार कि दोपहर मे वापस वहाँ से निकल गया लेकिन निकलते वक्त बिल्कुल मन नहीं हो रहा था वापस आने का, मानो किसी अपने से मै सालों बाद मिला और अब उससे अलविदा लेने का समय आ गया हो।
और बस उसी पल इतनी तेज बारिश शुरू हो गयीं जैसे यह बिछडने का गम हो।
लेकिन बारिश से वहाँ का माहौल और मेरा दिल दोनों खुशनुमा हो गया ❤️
Dop : 5/july/2020
Location : Kalakund Hill Station
Location : Kalakund Hill Station
#kalakund