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Friday, February 26, 2021

अतित के पिटारे से

 

आप सोच रहे होगे ये पुराने से मोबाइल का फोटो क्यों डल दिया .. तो आपको बता दु यह सिर्फ पुराने मोबाइल नहीं ये दोनों मोबाइल मेरी यादों का पिटारा है जज्बात है प्यार है।

मेरा पहला मोबाइल #Nokia1100 जिसके साथ होने से हि खुद को धनवान समझता था मेरी चारों धाम कि यात्रा से लेकर कर लेह लद्दाख तक मेरा साथ दिया। 2009 से लेकर 13 तक मेरे साथ हर जगह घुमने का सिर्फ यही साक्षी है बिना नेटवर्क के भी घंटों साँप वाला खेल खेलना और कुछ नहीं तो रींग टोन हि सुन लेना सोलो ट्रेवलिंग मे मैरा यही साथी था। मोबाइल छोटा होने के कारण मे इसे भय्यू बुलाता था। एक बार रुपकुण्ड के ट्रेक के दौरान भय्यू  बर्फ मे गिर के गुम हो गया था मेरी तो हालत हि खराब हो गई थी भय्यू के गम मे।

 फिर एक सज्जन ने मोबाइल ढ़ुंडने मे मदद कि और उन्ही को मिला तो उन्होंने दे दिया

पाँच सालों तक बहुत हि गहरा प्यार था और आज भी यह मेरा फेवरेट है यह बात अलग है कि अब इसमें जान नहीं बची।

फिर आया Nokia 3500c जिसने जिंदगी मे थोड़े रंग भर दिए क्योंकि यह मैरा पहला कलर वाला और मल्टीमीडिया मोबाइल था जिसमें 2 मेगापिक्सल का केमरा भी है जो किसी DSLR से कम नहीं था मेरे लिए।

इस मोबाइल ने भी 2014 मे मेरी पहली स्पीति यात्रा और एक बार लेह लद्दाख कि यात्रा को और खुबसूरत बनाया पेंगगाग लेक मे खुशी के मारे मोबाइल ने डुबकी लगा ली थी और फिर दो दिन बंद रखने के बाद फिर से जीवित हो गया था।

45 दिनों कि यात्रा दिल्ली जम्मू कश्मीर होते हुए लद्दाख फिर हिमाचल मे धर्मशाला कसोल, शिमला, मनाली और हिमाचल के छोटे मोटे अनेक ट्रेक इसके साथ किए इस मोबाइल ने भी 2015 तक साथ दिया।

इस तरह सालों साल मोबाइल चेंज होते रहे लेकिन इन दो मोबाइल कि जगह कोई नहीं ले सकता घुम्मकड़ी कि अनेक यादें जुड़ी है इनसे। जब कोई पुछता है कि आप इतने सालों से छुम्मकड़ी कर रहे हो इसका क्या सबूत है फोटोज बताओ ... तो भैय्या मुझे कोई सबुत देने कि जरूरत नहीं घुम्मकड़ी से मिला ज्ञान और मेरी जिवन जीने कि कला है सबुत है।

यह कहानी सिर्फ मेरी नहीं आपके जीवन मे भी एसी अनेक निर्जीव वस्तुएँ होगी जिसके साथ आपकी यादें जुड़ी होगी।

धन्यवाद 🙏


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